Bihar Government School में अब बच्चों को दरी पर नहीं बिठाया जाएगा, इसके लिए अभियान चलाया गया है और 890 करोड़ रुपये के बेंच-डेस्क खरीदे गये हैं। पिछले चार महीने में करीब 18 लाख बेंच-डेस्क खरीदे गये हैं, शिक्षा विभाग ने जिलों से जानकारी मांगी है कि कितने और बेंच-डेस्क की जरूरत है।
विभाग का उद्देश्य है कि कोई भी बच्चा बेंच-डेस्क के अभाव में जमीन पर बैठकर पढ़ाई न करे। Bihar Government School के दौरे के दौरान विभाग के अपर मुख्य सचिव KK Pathak के आदेश पर विभाग ने जिलों को तेजी से बेंच-डेस्क खरीदने का निर्देश दिया था, एक बेंच-डेस्क की कीमत 5 हजार रुपये तय की गयी है।
विभाग ने बेंच-डेस्क की गुणवत्ता को लेकर भी मानक तय किये हैं, जिसके अनुसार खरीदारी की जानी है, Bihar Government School में बड़ी संख्या में बेंच-डेस्क की जरूरत थी। विभाग ने तय किया था कि शुरुआती चरण में किसी एक Bihar Government School को अधिकतम 100 बेंच-डेस्क की आपूर्ति की जायेगी, ताकि अधिक से अधिक स्कूलों में बेंच-डेस्क पहुंच सके। यह व्यवस्था प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों के लिए की गई है।
KK Pathak के आदेश पर Bihar Government School में बेंच-डेस्क की Quality भी जांच की जा रही है
बेंच-डेस्क की खरीदारी के साथ-साथ उसकी गुणवत्ता की जांच की भी व्यवस्था की गयी है, पंचायतों में कार्यरत कनीय अभियंताओं को भी जांच की जिम्मेवारी दी गयी है। इस क्रम में सात लाख से अधिक बेंच-डेस्क की जांच की गयी। जिसके अनुसार खरीदारी की जानी है, Bihar Government School में बड़ी संख्या में बेंच-डेस्क की जरूरत थी। विभाग ने तय किया था कि शुरुआती चरण में किसी एक Bihar Government School को अधिकतम 100 बेंच-डेस्क की आपूर्ति की जायेगी।
बेंच-डेस्क मानक के अनुरूप नहीं होने पर कई आपूर्ति एजेंसियों पर 27 लाख रुपये से अधिक का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। दो कंपनियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई है, इसके अलावा 14 हजार बेंच-डेस्क बदले गये हैं। यह व्यवस्था प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंडरी तक के स्कूलों के लिए की गई है।
900 करोड़ रुपये की राशि Bihar Government School को भेज दी गयी है
अधिकारियों का कहना है कि जुलाई 2023 में जब स्कूलों में नियमित निरीक्षण का काम शुरू हुआ तो पता चला कि बड़ी संख्या में बच्चों को क्लास में नीचे बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है, कमरों के अभाव में बच्चे बरामदे में बैठने को मजबूर हैं। इसके बाद ही अतिरिक्त कमरे बनाने के साथ ही बेंच-डेस्क खरीदने का निर्णय लिया गया। अब तक 900 करोड़ रुपये की राशि जिलों को भेजी जा चुकी है।
विभाग ने जिलों को निर्देश दिया था कि जिन स्कूलों में कमरों की कमी है और अतिरिक्त बेंच-डेस्क नहीं रखे जा सकते हैं. ऐसे स्कूलों में कमरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर बेंच-डेस्क की खरीदारी की जा सकती है। ताकि कमरा बनने के बाद तुरंत वहां बेंच-डेस्क रखे जा सकें।